7th Pay commission latest|मोदी सरकार ने दिया कर्मचारियों को बड़ा झटका #pensionerslatestnews #OPS
लाखो कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा झटका, नहीं लागु होगी पुरानी पेंशन स्कीम
वैसे लाखों कर्मचारी जो एक लम्बे अरसे से पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे, उन्हें केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है. केंद्र की मोदी सरकार ने इस स्कीम को फिर से बहाल करने की संभावना से साफ इनकार कर दिया है. शुक्रवार को लोकसभा में पेंशन स्कीम को लेकर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बड़ी साफगोई से कहा कि नेशनल पेंशन सिस्टम या न्यू पेंशन स्कीम (NPS) 2004 से लागू है और आगे भी यही योजना चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन ही नहीं है.
दरअसल, बीतें शुक्रवार को सदन में खुद भाजपा के ही सांसद राकेश सिंह ने पेंशन स्कीम को लेकर सवाल किया था. जिसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह बातें कहीं. वित्त राज्य मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि पेंशन का बिल ज्यादा होता है, जिसे सरकार आसानी से बहाल नहीं कर सकती. इससे देश के विकास पर भी विपरीत असर पड़ता है. लिहाजा न्यू पेंशन स्कीम एक सुविचार कदम है जोकि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए देश की मदद कर रहा है.
हालाँकि न्यू पेंशन स्कीम को लेकर सरकारी कर्मचारी ख़ासा नाराज है. और इसको लेकर कई प्रदर्शन भी हो चुके है. उनका कहना है कि बीतते समय के साथ अब मोदी सरकार के सुर बदलने लगे है. जो लोकसभा चुनाव से पहले हमारे मुद्दे का प्रतिनधित्व करने का दावा कर रहे थे. अब वही सदन में बैठकर इसको लेकर स्पष्टीकरण देते नजर आ रहे है कि पुरानी पेंशन स्कीम का जो लाभ है वह देश को नहीं मिल सकता है. कर्मचारियों का यह भी कहना है कि सांसद और मंत्रियो को तो लगातार पेंशन मिलती आ रही है. साथ ही साथ साल दर साल इसमें वृद्धि भी की जाती है. तब सरकार बजट को लेकर अपनी परेशानी जाहिर नहीं करती है.
मालूम हो कि सरकार 1 जनवरी 2004 के बाद देश में जितनी भी सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है. उनको पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे से बाहर कर दिया गया है. और केवल सांसदों और विधायको को ही सरकारें पेंशन दे रही है. बाकी सभी को न्यू पेंशन स्कीम के तहत लाया गया है.
बताते चले कि न्यू पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारी व शिक्षक संगठनों को सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि इसमें हजारों करोड़ रुपए शेयर मार्केट या अन्य वित्तीय संस्थाओं, बांड में निवेश किए जाएंगे. और इस निवेश से जो रिटर्न आएगा उस आधार पर कर्मचारियों की पेंशन तय होगी. लिहाजा कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जिस स्कीम की तहत सरकार पेंशन धनराशि के भुगतान की गारंटी भी नहीं दी है. वह हमारे लिए अन्याय जैसा है.
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